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महफ़िल में चिराग बन के जलते रहे ,सुना है उनके घर में रौशनी नहीं होती
मिजाज ए गम पहचान है हमारी ,सुना है उनको ख़ुशी से भी ख़ुशी नहीं होती
ये दिल भी सहारा आंधी का लिए हुए ,खो गया है यादो में उनकी इस क़दर से
दिल को गम ए दायात गवारा है ,सुना है उनके दिल में कोई महकशी नहीं होती
जिंदगी को मौत कह देना कोई मुश्किल नहीं ,गौर से देख ले अपनी जिंदगी को
एहले दिल को जिंदगी भी प्यारी है ,सुना है उनकी जिंदगी भी जिंदगी नहीं होती
कोई पिला रहा है तो वो पिए जा रहे हैं,महफ़िल ए शराब ए जिंदगी को गले लगा के
हम भी पिला दे मोहब्बत ए जाम लेकिन,सुना है उनको पिने से भी कोई ख़ुशी नहीं होती
वो इस दौर सहमे हुए कहते हैं अब तो हमे थौड़ी सी बस तब्बसुम की ज़रुरत है
ए दिल तुझे तब्बसुम कैसे दे दे हम,सुना है उनके फूलो में कोई खुश्बुई नहीं होती
हाल ए दिल की दास्ताँ क्या सुनाये हम ,घर की चार दीवारी घुटनों पे सर रखने के सिवा
आंसू भी शब् भर बरसात ही करते रहेंगे ,सुना है उनकी आँखों में नमी भी नहीं होती
मेरे आशारों में सदा तो तुम्हरी ही रहती है ,ये पढने वाले महसूस करे या ना कर पाए
उनको याद करते हुए शाएरी लिखती है आनामिका,सुना है उनको पढने की कमी नहीं होती