रात भर मेरी पीठ में
दर्द होता रहा
में दर्द से करवते
बदलती रही
दर्द से बुरा हाल रहा
रात के अँधेरे में
समझ नहीं पा रही थी
ये दर्द क्यों है
जब सुबह हुई तो जाना
मेरे अपने दोस्त ने
विश्वासघात खंज़र से
मेरे पीठ पर
मेरा अपना बन के
वार कर दिया
जिसके दर्द से में
रात भर तडपती रही
तुम सत्य हो या कोई माया हो!
1 month ago
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