Saturday, February 13, 2010


हमने आँखों में बिताई सारी रात
हमे नींद ना आई सारी रात

रोये भी तो किसके आगे रोये
जग हुआ तमाशाई सारी रात

खता क्या हुई समझ ना सके
बात समझ ना आई सारी रात

दर्द आँखों में नीर बहाता चले
तड़प दिल ने जगाई सारी रात

क्या कहे किस्से कहे हम "आना"
मुंह से आवाज़ ना आई सारी रात

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