
उबरती है
कभी दिल खुश होते हुए भी
खुश नहीं हो पता
और कभी दुखी होते हुए भी
चुप सा हो जाता है
दुनिया समझती है
आनामिका बहुत व्यस्त
रहती है
कोई क्या जाने
दिल को समझाने की
कमजोरी दिखती है
लोग कहते हैं
मोहब्बत इक जज्बा है
एहसासों का
हम कहते हैं
मोहब्बत इक सजा है
हसीन हादसों का
नई जानती क्या लिख रही हूँ
मुझे माफ़ कर देना दोस्तों
मै दर्द से नजात नहीं पा सकी
और फिर इक दर्द लिखने
को मजबूर
कलम उठती हूँ तो
मेरे आंसूं से भी
कागज भीगता जा रहा है
और में भीगते हुए कागज पर
अपना दर्द नहीं लिख पी
मुझे माफ़ कर देना
वक़्त कम है
पर माफ़ कर देना
हा माफ़ कर देना
No comments:
Post a Comment