
आपके सितम पे सर झुकाएगा कोन?
वफ़ा करते हुए गर टूट गई मैं भी
फिर तुमसे "वफ़ा निभाएगा कोन "?
वफ़ा गर टूटी तो सोच लेना हमदम
वफाओं की मइयत बचाएगा कोन ?
तेरे लिए जीते और मरते रहे हैं हम
आपके लिए मरके भी दिखायेगा कोन?
अपनी जिंदगी भी तेरे ही नाम की थी
बेनाम हो के अब रह पायेगा कोन????
यु तो मिल ही जायेंगे आशक हाज़ारों
मगर सची मोहब्बत निभाएगा कोन?
"आना"तो फूल है रात की रानी का
दिन होते ही इसे खिलायेगा कोन ?
No comments:
Post a Comment