Saturday, February 13, 2010

खंज़र

रात भर मेरी पीठ में
दर्द होता रहा
में दर्द से करवते
बदलती रही
दर्द से बुरा हाल रहा
रात के अँधेरे में
समझ नहीं पा रही थी
ये दर्द क्यों है
जब सुबह हुई तो जाना
मेरे अपने दोस्त ने
विश्वासघात खंज़र से
मेरे पीठ पर
मेरा अपना बन के
वार कर दिया
जिसके दर्द से में
रात भर तडपती रही

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