Saturday, March 13, 2010

दाग इ चाँद


कल करवा चौथ था
सभी ने चाँद का दीदार किया
मैंने भी वर्त रखा था
पर चाँद का दीदार नहीं हुआ
वो चाँद हो कभी आँखों में रहता था
आज भी आँखों में ही है
कितनी अजीब बात है
एक चाँद आसमान पर है
दूर से चमक दिखाई देता है
दूर से इतना चमकता है की
हम उसमे छिपा हुआ दाग
भी नहीं देख पाते
यही हाल मेरे चाँद का भी हुआ है
जो दिन रात मेरी आँखों में
चमक रहा है
पर इसमें में भी दाग
जिसे यह दुनिया नहीं समझ प् रही
और इस चाँद के पीछे
एक तो मै दीवानी हुई थी
अब पूरी दुनिया पागल हो गई है
एह आसमान पर चमकने चाँद
मुझे बता
तुने मेरा चाँद में भी
अपने जैसा दाग क्यों दे दिया
यह एक ऐसा दाग है
जिसे में चाह कर भी
दूर नहीं कर सकती
पर फिर भी मै
दाग ऐ चाँद को
अपने आँखों मैं बसी बैठी हूँ अब

2 comments:

  1. एह आसमान पर चमकने चाँद
    मुझे बता
    तुने मेरा चाँद में भी
    अपने जैसा दाग क्यों दे दिया
    यह एक ऐसा दाग है
    जिसे में चाह कर भी
    दूर नहीं कर सकती
    पर फिर भी मै
    दाग ऐ चाँद को
    अपने आँखों मैं बसी बैठी हूँ अब

    vah .hriday sparshii

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